28% लोग भारत मे सोते तो है पर जागने की कोई गारंटी नहीं होती !!! 😱

सार 

आपको जानके यह हैरानी होगी की भारत मे 28% लोग सोते तो है पर जागते नहीं है इसका कारण और कुछ नहीं बल्कि हार्ट अटैक है .


   

विस्तार

दिल  की  बीमार  धीरे  धीरे  गंभीर  होती  जा  रही  है  इसकी  गंभीरता  का  अंदाजा  इस  बात  से  लगा  सकते  है  की  पुराने  समय  मे  दिल  की  बिमारी  को  बुजुर्गो  की  बिमारी  समझा  जाता  था  परन्तु  आज  यह  बिमारी  20 ,30 ,40  और  50  साल  के  लोगो  मे  भी  देखने  को  मिल  रही  है .

जैसे  जैसे  साल  गुजर  रहे  है  इसके  कारण  मरने  वालो  की  संख्या  भी  बढ़  रही  है ,  

भारत  मे  ही  नहीं  बल्कि  अमेरिका  मे  भी  इस  बिमारी  का  खौफ  है . अमेरिका  मे  हर  36 सेकेण्ड  मे  1  लोग  की  मृत्यु  होती  है  और  655000  लोग  हर  साल  दिल  का  दौरा  पड़ने  से  मारे  जाते  है .

बात  भारत  की  करे  तो  1990  मे  जहा  दिल  का  दौरा  पड़ने  से  मरने  वालो  की  संख्या  2.26  मिलियन  थी  वही  आज  उनकी  संख्या  बढ़कर  4.77  मिलियन  हो  गयी  है  मृत्यु  दर  मे  यह  उछाल  डराने  वाला  है .

भारत के युवाओ के दिल क्यों कमजोर होते जा रहे है ???



भारत  के  युवाओ  मे  दिल  की  बीमारी  बढ़ने  के  बहुत  सारे  कारण  है .

परन्तु  जीवन  मे  तनाव  सबसे  मुख्य  कारण  है  आज  से  20  साल  पहले  के  समाज  और  अब  के  समाज  मे  काफी  बदलाव  आ  गया  है  आज  की  दुनिया  मे  बहुत  ज्यादा  सन्घर्ष  है ,  आज  के  युवाओ  को  नोकरी  पाने  के  लिए  बहुत  सारे  प्रतियोगी  परीक्षाओ  मे  बैठना  पड़ता  है ,इस  तनाव  पूर्ण  जीवन  मे  वह  अपना  ख्याल  कम  रख  पाते  है  इसी  कारण  आज  युवाओ  मे  दिल  की  बिमारी  के  कारण  मृत्यु  बढती  जा  रही  है .

इसके अन्य  कारण  कम्यूटर  पर  देर  रात  तक  काम  करना  ,खाने  की  बुरी  आदत , स्मोकिंग  करना  और  शराब  का  सेवन  करना  भी  सामिल है , एक  और  मुख्य  कारण  वायु  प्रदुषण  है , पहले  के  वातावरण  और  अब  के  वातावरण  मे  काफी  अंतर  आ  चूका  है  वातावरण  के  इस  बदलाव  के  कारण  भी  दिल  की  बिमारी  बढ़  रही  है |

हार्ट अटैक के लक्षण


डॉक्टरों की मानें तो हार्ट अटैक का सबसे बड़ा लक्षण माना जाता है- सीने में तेज़ दर्द. अक्सर किसी फ़िल्मी दृश्य में जब कभी किसी को दिल का दौरा पड़ता है तो वो अपना सीना ज़ोर से जकड़ लेता है, दर्द के मारे उनकी आँखों में घबराहट दिखने लगती है और वो ज़मीन पर गिर पड़ता है. हम सभी को लगता है कि दिल का दौरा पड़ने पर ऐसा ही एहसास होगा जैसे हमारे सीने को कुचला जा रहा है. ऐसी अनुभूति होती भी है, लेकिन हमेशा नहीं.

जब दिल तक खून की आपूर्ति नहीं हो पाती तो दिल का दौरा पड़ता है. आमतौर पर हमारी धमनियों के रास्ते में किसी तरह की रुकावट आने की वजह से खून दिल तक नहीं पहुँच पाता, इसीलिए सीने में तेज़ दर्द होता है. लेकिन कभी-कभी दिल के दौरे में दर्द नहीं होता. इसे साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है.

आज भी दुनिया में अलग अलग बीमारी से मरने वाले वजहों में दिल की बीमारी सबसे बड़ी वजह है.

साल 2016 में अलग अलग बीमारी से मरने वालों में 53 फ़ीसदी लोगों की मौत दिल की बीमारी की वजह से हुई.

हार्ट अटैक से कैसे बचे ???

जंक फूड पर सरकार को ज़्यादा टैक्स लगाना चाहिए, जैसे सरकार तंबाकू और सिगरेट पर लगाती है. साथ ही जंक फूड पर बड़े-बड़े मोटे अक्षरों में वॉर्निंग लिखना चाहिए. सरकार इसके लिए नियम बना सकती है."

ऐसा करने से समस्या जड़ से खत्म तो नहीं होगी, लेकिन लोगों में जागरूकता ज़रूर बढ़ेगी.

अक्सर ये भी सुनने में आता है कि हार्ट अटैक का सीधा संबंध शरीर के कोलेस्ट्रोल लेवल से होता है, इसलिए अधिक तेल में तला हुआ खाना न तो बनाएं न ही खाएं.

लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है ?

कई डाक्टरों के अनुसार कोलेस्ट्रोल से नहीं लेकिन ट्रांस फैट से हार्ट अटैक में दिक्कत ज्य़ादा आ सकती है.

ट्रांस फैट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रोल को कम करता है और बुरे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है.

अतः जंक फ़ूड को खाना कम करके इन्सान हार्ट अटैक को काफी हद तक नियंत्रण पा सकता है .




  


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